लेखनी कहानी -14-Nov-2022# यादों के झरोखों से # मेरी यादों की सखी डायरी के साथ
हैलो सखी।
कैसी हो। ये बात 26 फरवरी 2022की है।
आज मन बहुत खुश है ।मैने बताया था ना तुम्हे कि मैने शब्द इन पर पुस्तक लेखन प्रतियोगिता में भाग लिया था।उसमे मेरा दसवां स्थान आया पर सभी लेखक व लेखिकाओं का बेहतरीन प्रदर्शन रहा इस प्रतियोगिता में।
आज टीम की तरफ से मेरा साक्षात्कार लिया गया।सच मे सखी मै तो घबरा ही गयी थी कि मैं क्या बोलूं गी साक्षात्कार में। क्योंकि तुम्हें पता ही है पिछले दो तीन दिन से कितना व्यस्त थी आज भी मैंने शब्द टीम को पहले ही कह दिया था कि आप तीन बजे तक मेरा साक्षात्कार ले सकते है।मेरी पहले से कोई तैयारी नहीं थी और जीवन का पहला साक्षात्कार ।
ओहह मां।पर जैसे तैसे दे ही दिया।
हम नारियों का यही तो है पतिदेव को हम हमेशा खाली ही दिखाई देती है ।पर ये नहीं पता इनको कि अगर हम एक दिन की हड़ताल करदे तो इन्हें आटे दाल का भाव पता चल जाएगा। मुझे याद है एक बार मुझे चिकनगुनिया वायरस हो गया था मेरी हालत इतनी खराब थी कि मुझसे खड़ा भी नही हुआ जा रहा था दो दिन तो मुझे होश ही नही था बुखार 3डिगरी तक पहुंच गया था। मुझे याद है वो दिन पतिदेव ने बाजार से भी खाना मंगवा लिया।खुद भी बना के देख लिया।तंग आकर बच्चों को भी पीटा।फिर झुंझलाते हुए मेरे पास आये और बोले अब कब तक लेटी रहोगी। थोड़ा बैठ जाओ। थोड़ी देर बाद मेरा छोटा बेटा आकर बोला,"ममा! अब जल्दी से ठीक हो जाओ पापा बड़ा बेकार खाना बनाते है । हहहहा मै इतनी बीमारी मे भी हंसे बिना ना रह सकी।अब चलती हूं। अच्छा अलविदा।
Khan
29-Nov-2022 05:36 PM
बेहतरीन 🌸🌺🙏
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Gunjan Kamal
23-Nov-2022 05:18 PM
बिल्कुल सही कहा आपने मैम
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Peehu saini
22-Nov-2022 04:28 PM
Bahut khoob 😊
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